तोड़ देई गढ़ लंका |
Tod Dei Gadh Lanka Lyrics | तोड़ देई गढ़ लंका | बालाजी भजन
तोड़ देई गढ़ लंका
हो..... तोड़ देई गढ़ लंका
हो.... लगा के बाज़ी प्राण (जान) की
जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
अरे... जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
सात समंदर पार किया था, एक छलांग लगाकर
हो.... सात समंदर पार किया था, एक छलांग लगाकर
सीताजी का पता लगाया, लंकापुरी में जाकर
हो.... सीताजी का पता लगाया, लंकापुरी में जाकर
बड़े बड़े असुरो को मारा, पटका उठा उठा कर
हो... बड़े बड़े असुरो को मारा, पटका उठा उठा कर
सीताजी का लाया संदेशा, आया लंका जला के
हो.... सीताजी का लाया संदेशा, आया लंका जला के
वीर बड़ा है बंका, वीर बड़ा है बंका
यूँ बोली माता जानकी
जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
अरे... जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
शक्ति लागी जब लक्ष्मण के राम अति घबराये
हो.... शक्ति लागी जब लक्ष्मण के राम अति घबराये
संजीवन बूंटी लाके लक्ष्मण के प्राण बचाये
हो.... संजीवन बूंटी लाके लक्ष्मण के प्राण बचाये
रघुवर ने खुश हो करके तब अपने गले लगाया (x2)
परम भक्त हो हनुमान, प्रभु ने यह वचन सुनाया (x2)
राम भक्त कहलाये, राम भक्त कहलाये
हो गई कृपा भगवान की
जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
अरे... जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
अहिरावण ने छल करके, जब राम लखन को चुराया
हो.... अहिरावण ने छल करके, जब राम लखन को चुराया
जाकर के पाताल लोक से, उन्हें छुड़ा कर लाया
हो.... जाकर के पाताल लोक से, उन्हें छुड़ा कर लाया
बानर सेना ने खुश होकर जय जयकार सुनाया (x2)
प्रभु चरण का लेके आसरा “ताराचन्द" गुण गाया (x2)
महिमा बरणी न जाये, हो....महिमा बरणी न जाये
वो महावीर बलवान की
जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
अरे... जय बोलो हनुमान की, जय बोलो
।। जय श्री राम।।
।। जय श्री हनुमान।।