श्री शिव बिल्वाष्टकम |
श्री शिव बिल्वाष्टकम Shri Shiva Bilvashtakam - शिव बिल्वाष्टकम् में बेल पत्र (बिल्व पत्र) के गुणों के साथ-साथ भगवान शिव का उसके प्रति प्रेम भी बताया गया है। श्री शिव बिल्वाष्टकम की रचना जगद्गुरु श्री आदि शंकराचार्य ने की थी। श्री शिव बिल्वाष्टकम एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाने की शक्ति और महिमा की बात करता है।
बिल्बपत्र को शिवलिंग पर अर्पित करने से धन-संपदा, ऐश्वर्य प्राप्त होता है, साथ ही मन शांत और प्रसन्न रहता है। लिंग पुराणानुसार "बिल्ब पत्रे स्थिता लक्ष्मी देवी लक्षण संयुक्ता" अर्थात बिल्ब पत्र में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है । बिल्ब वृक्ष को श्री वृक्ष माना जाता है । ऋग्वेदोक्त श्री सूक्त के अनुसार माँ लक्ष्मी के तपोबल से बिल्बपत्र उत्पन्न हुआ, जो बाहरी और भीतरी दरिद्रता को दूर करने वाला है ।
श्रावण मास में शिवलिंग पर बिल पत्र चढ़ाकर बिल्वाष्टकम मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं ।
।।श्री शिव बिल्वाष्टकम ।।
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनॆत्रं च त्रियायुधं
त्रिजन्म पापसंहारम् ऎकबिल्वं शिवार्पणं।
Tridalam trigunakaram trinetram cha triyayudham
Trijanmapapasamharam ekabilvam shivarpanam
त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च अच्चिद्रैः कॊमलैः शुभैः
तवपूजां करिष्यामि ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Trishakhaih bilvapatraishcha hyachchidraih komalaih shubhaih
Tavavapujam karishhyami ekabilvam shivarpanam
कॊटि कन्या महादानं तिलपर्वत कॊटयः
काञ्चनं क्षीलदानॆन ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Koti kanya maha danam tila parvata kotayah
Kanchanam sheela danena ekabilvam shivarpanam
काशीक्षॆत्र निवासं च कालभैरव दर्शनं
प्रयागॆ माधवं दृष्ट्वा ऎकबिल्वं शिवार्पणं।
Kashikshetranivasam cha kalabhairavadarshanam
Prayagamadhavam druishtva ekabilvam shivarpanam
इन्दुवारॆ व्रतं स्थित्वा निराहारॊ महॆश्वराः
नक्तं हौष्यामि दॆवॆश ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Induvare vratam sthitwa niraharo maheshwara
Naktam haoushyami devecha eka bilvam shivarpanam
रामलिङ्ग प्रतिष्ठा च वैवाहिक कृतं तधा
तटाकानिच सन्धानम् ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Ramalinga pratistha cha vaivahika krutam tatha
tatakadi cha santanam eka bilvam shivarpanam
अखण्ड बिल्वपत्रं च आयुतं शिवपूजनं
कृतं नाम सहस्रॆण ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Akhanda bilva patram cha ayutam shiva poojanam
Krutam nama sahasrena eka bilvam shivarpanam
उमया सहदॆवॆश नन्दि वाहनमॆव च
भस्मलॆपन सर्वाङ्गम् ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Umaya sahadevesha nandi vahana meva cha
Bhasma lepana sarvangam eka bilvam shivarpanam
सालग्रामॆषु विप्राणां तटाकं दशकूपयॊः
यज्नकॊटि सहस्रस्च ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Salagrameshu vipranam tatakam dasha koopayo
Yagyakoti saharacha eka bilvam shivarpanam
दन्ति कॊटि सहस्रॆषु अश्वमॆध शतक्रतौ
कॊटिकन्या महादानम् ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Dantikoti sahasreshu ashwamedha shatakratau
Kotikanya mahadanam ekabilvam shivarpanam
बिल्वाणां दर्शनं पुण्यं स्पर्शनं पापनाशनं
अघॊर पापसंहारम् ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Bilvanam darshanam punyam sparshanam papa nashanam
Aghora papa samharam eka bilvam shivarpanam
सहस्रवॆद पाटॆषु ब्रह्मस्तापन मुच्यतॆ
अनॆकव्रत कॊटीनाम् ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Sahasra veda patheshu brahma sthapana muchyate
Aneka vrata kotinam eka bilvam shivarpanam
अन्नदान सहस्रॆषु सहस्रॊप नयनं तधा
अनॆक जन्मपापानि ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Annadana sahasreshu sahasropanayanam tatha
Aneka janma papani eka bilvam shivarpanam
बिल्वस्तॊत्रमिदं पुण्यं यः पठॆश्शिव सन्निधौ
शिवलॊकमवाप्नॊति ऎकबिल्वं शिवार्पणं ।
Bilvashhtakamidam punyam yah patheth shivasannidhau.
shivalokamavapnoti eka bilvam shivarpanam
।। इति बिल्वाष्टकं संपूर्णम् ।।