शिव लिङ्गाष्टकम् Shiv LingashtakamLyrics

M Prajapat
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शिव लिङ्गाष्टकम् Shiv Lingashtakam Lyrics

शिव लिङ्गाष्टकम् एक भक्तिपूर्ण संस्कृत भजन है जो भगवान शिव को समर्पित है, जिनका प्रतिनिधित्व लिंग द्वारा किया जाता है। इस स्तोत्र में आठ छंद हैं जो शिव लिंग की महिमा का बखान करते हैं और दावा करते हैं कि पवित्र शिव लिंग कोई और नहीं बल्कि स्वयं भगवान शिव हैं। 

ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी बड़ी श्रद्धा से शिवलिंग के पवित्र सप्तक का जाप करता है, वह अंततः शिवलोक को प्राप्त होता है। इस स्तोत्र को अत्यधिक पूजनीय माना जाता है और इसका उपयोग भगवान शिव से प्रार्थना करने के लिए किया जाता है। यह भी माना जाता है कि इसे शैव धर्म के अनुयायियों और गुरुओं द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था।

शिव लिङ्गाष्टकम् रचना गुरु आदि शंकराचार्य ने की है, जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। यह भजन भगवान शिव को समर्पित है और उनके प्रति विश्वास, आज्ञाकारिता, निष्ठा और भक्ति की घोषणा है। शिव लिंगष्टकम भगवान शिव के सबसे लोकप्रिय स्तोत्रों में से एक है और माना जाता है कि भक्ति के साथ इसका जाप करने वालों के लिए इसके कई लाभ हैं।

(शिव लिङ्गाष्टकम्) Shiv Lingashtakam Lyrics in Hindi -

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥

देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥

सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥

कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।
दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥

कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।
सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥

देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥

अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥

सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।
परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥

लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

Shiv Lingashtakam Lyrics in English -

Brahma Muraari Sura Aarcita Linggam Nirmala Bhaasita Shobhita Linggam।
Janmaja Duhkha Vinaashaka Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥1॥

Deva Muni Pravara Aarcita Linggam Kaama Dahan Karunnaa Kara Linggam।
Raavanna Darpa Vinaashana Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥2॥

Sarva Sugandhi Sulepita Linggam Buddhi Vivardhana Kaaranna Linggam।
Siddha Sura Asura Vandita Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥3॥

Kanaka Mahaamanni Bhuussita Linggam Phanni Pati Vessttita Shobhita Linggam।
Dakssa Su Yajnya Vinaashana Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥4॥

Kungkuma Candana Lepita Linggam Pangkaja Haara Su Shobhita Linggam।
San.cita Paapa Vinaashana Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥5॥

Deva Ganna Aarcita Sevita Linggam Bhaavair Bhaktibhir Eva Ca Linggam।
Dinakara Kotti Prabhaakara Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥6॥

Asstta Dalo Parivessttita Linggam Sarva Samudbhava Kaaranna Linggam।
Asstta Daridra Vinaashita Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥7॥

Suraguru Suravara Puujita Linggam Suravana Pusspa Sada Aarcita Linggam।
Paraatparam Paramaatmaka Linggam Tat Prannamaami Sadaashiva Linggam॥8॥

Linggaassttakam Idam Punnyam Yah Patthet Shiva Sannidhau।
Shivalokam Avaapnoti Shivena Saha Modate॥


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