Shree Karni Mata Raksha Kavach
Karni Mata Mantra
श्री करणी माता रक्षा कवच Shree Karni Mata Raksha Kavach (Karni Mata Mantra)
ऊँडे पाणी नदियाँ उतरंतां, झड़ मंडिया खग झाटां,
शक्ति कीजै सहाय शेवगां, बहतां घाटां बाटां।
मेवाशा मांझल ठग, मिलियां, नाहर आयां नेड़ां,
कुशल आपरा राखे करनी, बहतां शायर बेड़ां।
बैरी विषधर सर्प निवारे, बळती लाय बुझावे.
लोवड़ियाल तणा भुज लम्बा, आंचळ दीशा आवे।
डाकण भूत कुवे पग डिगतां कड़के बीज अकाशां,
करतां याद मेहाशदु करनी! देवि उबारो दासां।
बड़ांबड़ी किनियाणी बांका, पोख पूजगां पाळे,
देश विदेश मांहि डाढाळी, राज दुवार रुखाळे।
मौत कुमौत टाळणां अम्बा, कुमति निवारण माता,
सुमति देण दारिद्रय नसावण, राखे तन सुख-साता।
बीशभुजा रुखवाळे शेवग, बाळक छत्तर छाया,
टेम कुटेम टाळणीं अम्बा, दुख भाजे दुख आयां|
रात दिनां पल छिन मो जगदम्ब! रहजो आप सहाई,
पूत कपूत क्षमा कर दुर्गा, बिरद निभाज्यो बाई।
जय श्री करणी माता
श्री करणी रक्षा कवच – कविराजा बाँकीदास आसिया
श्री करणी माता मंत्र - Karni Mata Mantra
देवी झंगरेची, वन्नरेची, जळेची, थळेची देवी;
मढेची, गढेची देवी पादरेची माय।
कोठेची वडेची देवी सेवगाँ सहाय करे,
रवेची चाळक्कनेची डूँगरेची राय।।1
कुंराणी पुराणी वेद वाणी मै पुराणी कहीं,
व्रसनाणी वृध्धवाणी बुढीबाळावेश।
माढराणी कृतवाणी हंसवाणी ब्रह्मवाणी,
अंद्राणी रुद्राणी भाणी चंद्राणी आदेश।।2
पुरब्बरी पच्छमरी दक्खणां ओतरापरी,
धोमेसरी गोमेसरी योमेसरी धन्न।
शीतंबरी रत्तंबरी पीतंबरी हरीश्याम,
प्रमेशरी इश्शवरी होव थुं प्रसन्न।।3
शुद्राणी वैश्य-आणी खत्राणी ब्रह्माणी सोय,
व्रध्धणी जोगणी बाळ वेखणी विधात।
त्रिभोवणी सतोगणी राजसणी तामसणी,
मोहणी जोगणी तमां नम्मो नम्मो मात।।4
जया सार दया वया त्रनेत्रा विजेया जया,
सम्मैया अम्मैया मैया बणाया समत्त।
कहे इम लांगीदास जोग मैया मया करे,
याद दया अया सत्त आदिय शकत्त।।5
~~कविराज लांगीदास जी
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