माँ दुर्गा स्तुति मंत्र Maa Durga Stuti Mantra

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माँ दुर्गा स्तुति मंत्र - माँ दुर्गा के स्तुति मंत्र बहुत ही चमत्कारी और शक्तिशाली होते है। इन मंत्रो का जाप करके साधक अपने जीवन आ रही विपदाओ से मुक्ति पा सकता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महर्षि वेद व्यास ने मां दुर्गा स्तुति को लिखा था, उनके द्वारा लिखी गई दुर्गा स्तुति को भगवती स्त्रोत (Bhagavati Stotra) के नाम से भी जाना जाता हैं।

सभी दुर्गा स्तुति मंत्र सिद्ध-मंत्र है, उन्हें सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। माँ दुर्गा स्तुति मंत्रो का जाप करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती है, जीवन में आ रही सभी बाधाओं, कष्टों को दूर कर जीवन खुशहाली से भर देती है।


माँ दुर्गा कि स्तुति करने के लिए सर्वप्रथम मॉ दुर्गा को नमन करते हुए उनके चरणों में अपने आप को समर्पित करे और पूरी निष्ठा भाव से मंत्रों का जाप करें।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थितः
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थितः।
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरुपेण संस्थितः
नमस्तस्यैः नमस्तस्यैः नमस्तस्यैः नमो नमः।।

अर्थः जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, जो देवी सर्वत्र शक्तियों के रूप में स्थापित हैं, जो देवी सभी जगह शांति का प्रतीक हैं, ऐसी देवी को नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

यूं तो मां दुर्गा स्तुति के लिए अनेक प्रकार के श्लोक पद्य रूप में रचे गए हैं और मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनकी स्तुति भी भिन्न-भिन्न रूपों में की जाती है। कुछ साधक माँ की स्तुति के लिए माता के सरल और बीज मंत्रो का जाप करते है। मां दुर्गा के की स्तुति के लिए बहुत सारे मंत्र है जो की दुर्गा सप्तशती में वर्णित है। कुछ प्रसिद्ध दुर्गा स्तुति मंत्र जिनका जाप करने से जीवन में खुशियां आती हैं। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।


जय भगवति देवी नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे।
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवी नरार्तिहरे॥1॥
जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥
जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे।
जय देवी पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥3॥
जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते।
जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥4॥
जय देवी समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे।
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥5॥
एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:।
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥6॥

भावार्थः हे वरदायिनी देवी! हे भगवती! तुम्हारी जय हो। हे पापों को नष्ट करने वाली और अंनत फल देने वाली देवी। तुम्हारी जय हो! 

हे शुम्भनिशुम्भ के मुण्डों को धारण करने वाली देवी! तुम्हारी जय हो। हे मनुष्यों की पीड़ा हरने वाली देवी! मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं। 

हे सूर्य-चन्द्रमारूपी नेत्रों को धारण करने वाली! तुम्हारी जय हो। हे अग्नि के समान दैदीप्यमान मुख से शोभित होने वाली! तुम्हारी जय हो।

हे भैरव-शरीर में लीन रहने वाली और अन्धकासुरका शोषण करने वाली देवी! तुम्हारी जय हो, जय हो। 

हे महिषासुर का वध करने वाली, शूलधारिणी और लोक के समस्त पापों को दूर करने वाली भगवती! तुम्हारी जय हो। ब्रह्मा, विष्णु, सूर्य और इंद्र से नमस्कृत होने वाली हे देवी! तुम्हारी जय हो, जय हो।

सशस्त्र शंकर और कार्तिकेयजी के द्वारा वंदित होने वाली देवी! तुम्हारी जय हो। शिव के द्वारा प्रशंसित और सागर में मिलने वाली गंगारूपिणि देवी! तुम्हारी जय हो। 

दु:ख और दरिद्रता का नाश और पुत्र-कलत्र की वृद्धि करने वाली हे देवी! तुम्हारी जय हो, जय हो।

हे देवी! तुम्हारी जय हो। तुम समस्त शरीरों को धारण करने वाली, स्वर्गलोक का दर्शन कराने वाली और दु:खहारिणी हो। हे व्यधिनाशिनी देवी! तुम्हारी जय हो। 

मोक्ष तुम्हारे करतलगत है, हे मनोवांच्छित फल देने वाली अष्ट सिद्धियों से सम्पन्न परा देवी! तुम्हारी जय हो।

कुछ विशेष फल प्राप्ति के लिए माँ दुर्गा इन स्तुति मंत्रो का जाप जरूर करे - 

सुयोग्य जीवन साथी के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र -

 - पति प्राप्ति के लिये माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुते देवी पतिं मे कुरु ते नमः ॥

 - पत्नी प्राप्ति के लिये माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ॥

शक्ति बढ़ाने और गुणवान बनने के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते।। 

जीवन में खुशियां और प्रसन्नता के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि। त्रैलोक्यवासिनामीडये लोकानां वरदा भव।।

धन प्राप्ति और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः। सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।।

संतान सुख के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
सर्वाबाधा वि निर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥

संकट से बचने के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः। 
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै।।

मोक्ष प्राप्ति के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
सर्वस्य बुद्धिरुपेण जनस्य हृदि संस्थिते। 
स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।

सभी सिद्धियों की प्राप्ति के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके। 
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।। 

आकर्षित शक्ति बढ़ाने के लिए माँ दुर्गा स्तुति मंत्र 
ॐ महामायां हरेश्चैषा तया संमोह्यते जगत्, ज्ञानिनामपि चेतांसि देवि भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।। 

माँ दुर्गा स्तुति मंत्र जाप कैसे और कब करे ?

माँ दुर्गा स्तुति के इन मंत्रो का कम से कम ११, २१, ५१ अथवा १०८ बार (यानि एक माला) जाप करना चाहिए, ऐसा करने से उस व्यक्ति की मनोकामना माँ दुर्गा पूर्ण करती है। अगर इन मंत्रो का जाप नवरात्री में किया जाए तो माता की विशेष कृपा होती है। और सबसे अच्छा है की ये सभी कार्य गुरु की दिशा निर्देश में किया जाए, क्योंकि गुरु से बढ़कर कोई भी नहीं है।

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