निलावंती एक श्रापित ग्रन्थ Nilavanti Granth

M Prajapat
0
निलावंती ग्रंथ एक श्रापित ग्रन्थ
निलावंती एक श्रापित ग्रन्थ 

(toc) #title=(Table of Content)

निलावंती एक श्रापित ग्रन्थ

निलावंती ग्रंथ को एक श्रापित ग्रन्थ और रहस्यमयी किताब माना जाता है, जो की एक प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है। यह ग्रंथ एक नीलावंती नाम की एक श्रापित यक्षिणी के द्वारा लिखा गया है। माना जाता है की जब भी इस ग्रन्थ को जिस इंसान ने किसी लालच और गलत भावनाओं के साथ इसे पढ़ा है या पढने की कोशिश की उसकी मृत्यु हो गई या फिर इसे अधुरा पढ़ा वह पूरी तरह से पागल हो गया।

जब भारत सरकार के पास इस तरह के बहुत ज्यादा मामले आने लगे तो भारत सरकार ने निलावंती ग्रंथ को पढने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया। हालांकि इंटरनेट पर नीलावंती ग्रंथ के कुछ अंश मिलते हैं, लेकिन ये असली हैं या नहीं इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

नीलवंती ग्रंथ एक रहस्यमय और गूढ़ पुस्तक है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें ऐतिहासिक और वर्तमान काल के रहस्य हैं। यह एक ऐसा उपन्यास है जिसने सदियों से लोगों की कल्पनाओं को जगाया है। यह पुस्तक तांत्रिक प्रथाओं और जादू-टोना से संबंधित गुप्त ज्ञान रखने के लिए कथित है, और कहा जाता है कि यह एक गुप्त भाषा में लिखी गई है जिसे केवल वे लोग ही समझ सकते हैं जिन्हें तांत्रिक प्रथाओं में दीक्षा दी गई है। नीलवंती ग्रंथ की सटीक सामग्री और प्रामाणिकता पर बहस की जाती है, कुछ लोगों का मानना है कि यह सदियों से पारित एक वास्तविक पाठ है, जबकि अन्य लोगों का मानना है कि यह एक और हालिया मनगढ़ंत रचना है। इस पुस्तक को पढ़ने के परिणामों के बारे में विभिन्न अफवाहें और दावे भी हैं, जिनमें ज्ञान प्राप्ति और गुप्त शक्तियों को प्राप्त करने से लेकर दुर्भाग्य या यहां तक कि मृत्यु का अनुभव करना शामिल है। हालाँकि, इन दावों में विश्वसनीय सबूतों की कमी है और इन्हें संदेह के साथ माना जाना चाहिए। नीलवंती ग्रंथ का अस्तित्व और प्रामाणिकता विवादित है, जिससे यह एक आकर्षक और रहस्यमय ग्रंथ बन गया है जिसने सदियों से लोगों की कल्पना पर कब्जा कर लिया है।


नीलावंती ग्रंथ में ऐसा क्‍या है ?

नीलावंती ग्रंथ एक ऐसा ग्रंथ है, जो की जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, और अन्य रहस्यमय विषयों पर जानकारी देता है। जिसका कोई इंसान पूरा अध्ययन कर ले तो वो इंसान पशु पक्षियों से बात करने में और उनकी बाते समझने में सक्षम हो सकता है, या किसी गड़े हुए खजाने का पता लगा सकता है। लेकिन इस ग्रंथ को मिले श्राप के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता है।

वास्तविक नीलावंती ग्रंथ एक दुर्लभ ग्रंथ है। माना जाता है की यह ग्रंथ केवल कुछ विशेष पुस्तकालयों में ही उपलब्ध है। अगर आप इस ग्रंथ को पढ़ना चाहते हैं, तो आपको उस पुस्तकालय का पता लगाना होगा जहां पर ये किताब उपलब्ध है, और इस ग्रंथ को पढ़ने के लिए विशेष रूप से अनुमति लेनी होगी।


निलावंती ग्रंथ क्या है ?

नीलवंती ग्रंथ एक दुर्लभ और रहस्यमय पुस्तक है जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें अतीत, भविष्य, तंत्र, अंकशास्त्र, ज्योतिष और जादू-टोना का ज्ञान है। भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणियों को शामिल करने की भी अफवाह है। कहा जाता है कि यह पुस्तक नीलवंती नामक एक महिला द्वारा लिखी गई थी, जिसके पास जादुई क्षमताएँ होने और पौधों और जानवरों दोनों के साथ बात करने में सक्षम होने की अफवाह थी। इस पुस्तक की अत्यधिक मांग है और यह कई अफवाहों का विषय है, कुछ लोग इसे शापित मानते हैं। कहा जाता है कि इस पुस्तक में गणितीय समीकरण या कुछ ऐसा ही है जिसका उपयोग जानवरों, पेड़ों और पौधों के साथ संवाद करने के लिए किया जा सकता है। नीलवंती ग्रंथ ने मराठी साहित्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है और अपने कालातीत ज्ञान से पाठकों को प्रेरित करना जारी रखा है।


क्या नीलावंती ग्रंथ वास्तविक है ?

नीलवंती ग्रंथ की वास्तविकता के बारे में बहस चल रही है। कुछ लोग इसे एक सच्चा, प्राचीन ग्रंथ मानते हैं जिसमें समय के साथ मूल्यवान ज्ञान खो गया है, जबकि अन्य इसे 19वीं शताब्दी में एक कल्पित या नकली पुस्तक मानते हैं। पुस्तक की कथित शापित शक्तियों और उसके आसपास की अफवाहों ने भी अटकलों को जन्म दिया है। फिर भी, नीलवंती ग्रंथ की प्रमाणिकता और सामग्री को समर्थन करने वाले ठोस सबूत नहीं हैं। इसलिए, यह कहना उचित है कि नीलवंती ग्रंथ की वास्तविकता अभी भी अज्ञात है।


निलावंती एक श्रापित ग्रंथ की पूरी कहानी- 

बहुत समय पहले की बात है। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव मे एक आदमी था उसकी एक पत्नी और एक छोटी सी बच्ची थी। जब वह बच्ची पाँच वर्ष की हुई तो उसकी माँ की मृत्यु हो गई। इस बच्ची का नाम निलावंती था। निलावंती की माँ की मृत्यु के पश्चात निलावंती के पिता ने उस गाँव को छोड दिया और निलावंती को लेकर दूसरे गाँव मे चले गये। दोस्तो निलावंती के पिता जी को आर्युवेद का अच्छा खासा ज्ञान था। इसलिए निलावंती भी अपने पिता से आर्युवेद का ज्ञान लेती थी। निलावंती के अंदर एक बहुत बड़ी खासियत यह थी कि वह पेड पौधो, जानवरों और पशु पक्षियों इन सब की भाषा समझती थी।


नीलावंती ग्रंथ का हिन्दी संस्करण

इस ग्रन्थ का हिन्दी संस्करण की किताब Amazon पर उपलब्ध है, जो की सोनाली रावत द्वारा लिखी गयी है, और अन्य लेखकों ने भी लिखी है। अब इस किताब में क्या क्या जानकारी है, निलावंती कौन थी, इस ग्रन्थ के पीछे की सच्ची कहानी क्या है ? वो सब आपको किताब पढ़ने के बाद ही पता चलेगी।

नीलावंती ग्रंथ का हिन्दी संस्करण लिखने वाले लेखकों ने जरूर मूल ग्रन्थ पढ़ा होगा यदि ऐसा नहीं है तो फिर इनके पास इस ग्रंथ की जानकारी कहा से आयी या फिर केवल मान्यताओं के आधार पर नीलावंती ग्रंथ का हिन्दी संस्करण लिखा है।


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!