माता ब्रह्मचारिणी की आरती - ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। ये मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। मां ब्रह्मचारिणी के नाम में ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली।ब्रह्मचारिणी माता के अन्य नाम - तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा।
माता ब्रह्मचारिणी की आरती (Brahmacharini Mata Aarti)
॥ मां ब्रह्मचारिणी जी की आरती ॥
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।