चार धाम की आरती Char Dham Ki Aarti

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चार धाम की आरती Char Dham Ki Aarti
चार धाम की आरती Char Dham Ki Aarti

चार धाम की आरती लिरिक्स (Char Dham Ki Aarti Lyrics) -

।। चार धाम आरती ।।

चलो रे साधो चलो रे सन्तो,
चन्दन तलाब में नहायस्याँ।
दर्शन ध्यों जगन्नाथ स्वामी,
फेर जन्म नाही पायस्याँ॥

चलो रे साधो चलो रे सन्तो,
रत्नागर सागर नहायस्याँ।
दर्शन ध्यों रामनाथ स्वामी,
फेर जन्म नहीं पायस्याँ॥

चलो रे साधो चलो रे सन्तो,
गोमती गंगा में नहायस्याँ।
दर्शन ध्यो रणछोड़ टीकम,
फेर जन्म नही पायस्याँ॥

चलो रे साधो चलो रे सन्तो,
तपत कुण्ड में नहायस्याँ।
दर्शन ध्यो बद्रीनाथ स्वामी,
फेर जन्म नही पायस्याँ॥

कुण दिशा जगन्नाथ स्वामी,
कुण दिशा रामनाथ जी।
कुण दिशा रणछोड़ टीकम,
कुण दिशा बद्रीनाथ जी॥

पूरब दिशा जगन्नाथ स्वामी,
दखिन दिशा रामनाथ जी।
पश्चिम दिशा रणछोड़ टीकम,
उत्तर दिशा बद्रीनाथ जी॥

केर चढ़े जगन्नाथ स्वामी,
केर चढ़े रामनाथ जी।
केर चढ़े रणछोड़ टीकम,
केर चढ़े बद्रीनाथ जी॥

अटको चढ़े जगन्नाथ स्वामी,
गंगा चढ़े रामनाथ जी।
माखन मिसरी रणछोड़ टीकम,
दल चढ़े बद्रीनाथ जी॥

केर करन जगन्नाथ स्वामी,
केर करण रामनाथ जी
केर करन रणछोड़ टीकम,
केर करण बद्रीनाथ जी॥

भोग करन जगन्नाथ स्वामी,
जोग करन रामनाथ जी।
राज करण रणछोड़ टीकम,
तप करन बद्रीनाथ जी॥

केर हेतु जगन्नाथ जी,
केर हेतु रामनाथ जी।
केर हेतु रणछोड़ टीकम,
केर हेतु बद्रीनाथ जी॥

पुत्र हेतु जगन्नाथ स्वामी,
लक्ष्मी हेतु रामनाथ जी।
भक्ति हेतु रणछोड़ टीकम,
मुक्ति हेतु बद्रीनाथ जी॥

चार धाम अपार महिमा,
प्रेम सहित जो गायसी।
लख चौरासी जुण,
छूटै फेर जन्म नही पायसी॥

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विडियो: चार धाम की आरती


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