कालरात्रि माता की आरती - नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि माता की पूजा-अर्चना की जाती है। माता रानी के सातवे सवरूप को कालरात्रि माता कहा जाता है और इस दिन भक्तों द्वारा माता के इस रूप की पुरे विधि विधान से पूजा और आरती की जाती है।
कालरात्रि माता की आरती (Kalratri Mata Aarti)
॥ देवी कालरात्रि जी की आरती ॥
कालरात्रि जय जय महाकाली।
काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतारा॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥
खड्ग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवे।
महाकाली माँ जिसे बचावे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥