पारस रे तेरी कठिन डगरिया | Paras Re Teri Kathin Dagariya Jain Bhajan Lyrics -
॥ जैन भजन ॥
कठिन तेरा जिन रूप में आना
कठिन तेरे शुभ दर्शन पाना
कठिन हटाना श्री मुख से नजरिया
पारस रे तेरी कठिन डगरिया
सयम नियम कठिन व्रत तेरे,
तेरी तरह सुन भगवन मेरे
ओढ़ना कठिन ब्रह्मचर्य की चदरिया
पारस रे तेरी कठिन डगरिया
कठिन महल तज वन में जाना
कठिन रात दिन ध्यान लगाना
टप अति कठिन, कठिन मुनिचर्या
रे जिनवर तेरी कठिन डगरिया
कठिन तुझे आहार कारण
अंतराय से कठिन बचाना
कठिन जिमाना बिन प्याली बिन थरिया
पारस रे तेरी कठिन डगरिया
कठिन प्रहार कमठ के सह के
कठिन उपसर्ग में अवचिल रह के
पायी कठिन केवल की उजरिया
पारस रे तेरी कठिन डगरिया
मोक्ष जहां से गया तू जिनराई
उस पर्वत की कठिन चढ़ाई
तुही ले चल मेरी थाम के उँगरिया
स्वर - रविन्द्र जैन