श्री प्रेतराज आरती - जय प्रेतराज राजा (Pretraj Aarti)
॥ श्री प्रेतराज आरती ॥
जय प्रेतराज राजा, जय प्रेतराज राजा।
संकट मोचन वीरा, संकट मोचन वीरा।
जय जय अधिराजा, जय प्रेतराज राजा।
रूप भयंकर ऐसा, थर स्वामी थर थर थर काल करें।
काल करे जिन पिशाच सब काँपे,
जिन्न पिशाच सब काँपे
जिनको बेहाल करे, जय प्रेतराज राजा।
हाथ में चक्र तिहारे, मुकुट निराला है।
स्वामी मुकुट निराला है सुयश तुम्हारा निर्मल,
सुयश तुम्हारा निर्मल
गल मोतिन माला है, जय प्रेतराज राजा।
लीला बखानूँ कैसे, महिमा निराली है।
तिहारी महिमा निराली अज्ञान अन्धेरा मिटा,
अज्ञान अन्धेरा मिटा।
करते उजियाली है, जय प्रेतराज राजा।
चित्त चरणों में लगा कर तिहारा स्नान करें ।
स्वामी तिहारा स्नान करें ।
पूजा फूल चढ़ावे, पूजा फूल चढ़ावे ।
आरती ध्यान करें, जय प्रेतराज इच्छा स्वामी करते,
संकट पूरी करते संकट हर हर राजा ।
दुःख दारिद मिटाते, दुःख दारिद मिटाते सुख सम्पति देते,
जय प्रेतराज राजा ।