श्री गणेश स्तुति Shri Ganesh Stuti |
श्री गणेश जी की स्तुति करने मात्र से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्तुति में गणेश जी की महानता का गुणगान कर उन्हे प्रणाम किया जाता है। श्री गणेश स्तुति को गणेश जी के सभी पर्वों पर पूजा से पहले गाया जाता है।
।। श्री गणेश स्तुति: ।।
गजाननं भूतगणादिसेवितं
कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।
उमासुतं शोकविनाशकारकं
नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥१
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय,
लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥२
इति श्रीगणेशस्तुति: संपूर्णा ।
भावार्थ-
जो हाथी के समान मुख वाले हैं, भूतगणादिसे सदा सेवित रहते हैं, कैथ तथा जामुन फल जिनके लिए प्रिय भोज्य है, पार्वती के पुत्र हैं तथा जो प्राणियों के शोक का विनाश करने वाले हैं, उन विघ्नेश्वर के चरणकमलों में नमस्कार करता हूं।।१
विघ्नेश्वर, वर देनेवाले, देवताओं को प्रिय, लम्बोदर, कलाओंसे परिपूर्ण, जगत् का हित करनेवाले, गजके समान मुखवाले और वेद तथा यज्ञ से विभूषित पार्वतीपुत्र को नमस्कार है; हे गणनाथ! आपको नमस्कार है।।२
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