श्री गणेश वंदना Shri Ganesh Vandana

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श्री गणेश वन्दना Shri Ganesh Vandana
श्री गणेश वंदना

श्री गणेश वंदना - गणेश वन्दना बहुत ही महत्वपूर्ण वंदना है, इसे कोई भी आरती करने के पूर्व में पढ़ा जाता है। इसके अलावा इसे गणेश पूजा, गणेश चतुर्थी और अन्य शुभ कार्यों में  विशेष रूप से पढ़ा जाता है। ये वंदना भगवान गणेश जी को समर्पित है। 

।। श्री गणेश वंदना - १ ।।

खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं । 
प्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्ध मधुप व्यालोल गण्डस्थलंम् ।।
दंताघात विदारि तारि रूधिरैः सिन्दूरशोभाकरम् ।
वन्दे शैलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम् ।।

हिन्दी अर्थ:
मैं सिद्धि प्रदान करनेवाले अभीष्टदायी पार्वतीनन्दन भगवान् श्रीगणेश की वन्दना करता हूँ, जो स्थूलकाय, नाटे, गजवदन एवं लम्बोदर होने पर भी अप्रतिम हैं, जिनकी कनपटियों से चूते हुए मद की मधुर गन्ध से आकृष्ट भौरों के कारण वे कनपटियाँ चंचल प्रतीत होती हैं तथा अपने दाँतों की चोट से विदीर्ण हुए शत्रुओं का रुधिर जिनके मुख पर सिन्दूर की शोभा धारण करता है।

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।। श्री गणेश वंदना - ३ ।।

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