श्री लक्ष्मणबालाजी की आरती |
श्री लक्ष्मणबालाजी की आरती (Shri Lakshmanbalaji Aarti)
।। श्री लक्ष्मणबालाजी आरती ।।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की,
बाला की श्री नन्दलाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
दक्षिण देश सवालख पर्वत,
जगमग ज्योति श्री बाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
तिरुपति मैं सीता रामजी विराजे,
चौकी है हनुमत बाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
शेषाचल पर आप विराजैंं,
चौकी वीर हनुमत् बाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
जय विजय दोउ पौरिया विराजैैं,
भेरी धूस नगारा की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
बालाजी केे रथ पर कनक सिंहासन,
कलँगी बनी हीरा लाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
बृहस्पतिवार जरी का जामा,
ऊपर मौज दुुशााला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
शुक्रवार दूध को नहावन,
मौज बनी वो मोहन माला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
देश-देश के यात्री आवैं,
मार्ग पड़ैैै वो मृगछाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
आशा नन्द गरीब तुम्हारो,
पति राखो कण्ठी माला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की,
बाला की वो नन्दलाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
हरि हरि यशोदा-सुत नन्दलाला की,
हरि हरि परदेशी रखवाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।
हरि हरि घाट बाट रखवाला की,
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।
जय बोलो साधो लक्ष्मण बाला की ।।