माँ सरस्वती वंदना - वर दे वीणावादिनी वर दे |
।। माँ सरस्वती वंदना ।।
वर दे, वीणावादिनी वर दे!
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे!
वर दे, वीणावादिनी वर दे।
काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे!
वर दे, वीणावादिनी वर दे।
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मंद रव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
नव पर, नव स्वर दे!
वर दे, वीणावादिनी वर दे।
वर दे वीणा वादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र रव अमृत-मंत्र नव,
भारत में भर दे,
वर दे विणा वादिनि वर दे।।