विन्ध्यवासिनीजी की आरती |
विन्ध्यवासिनीजी की आरती Vindhyavasini Mata Aarti Lyrics -
।। विन्ध्यवासिनीजी की आरती ।।
जय जय विन्ध्यवासिनी माता,
करउँ आरती तेरी।
भाल विशाल कान में कुण्डल,
रूपराशि नहिं कहत बने री।।
जय जय विन्ध्यवासिनी माता ।।
विन्ध्यगिरि में वास तुम्हारा, मर्म न कोऊ लखे री।
चण्ड-मुण्ड तुमहीं संहारयो, भक्तन कष्ट निवेरी ॥
जय जय विन्ध्यवासिनी माता ।।
उमा रमा आदिक तव नामा,
तुम्हरो महिमा अमित घनेरी।
सुर नर मुनि कोउ भेद न पावत,
किये जतन बहु कोटि करे री।।
जय जय विन्ध्यवासिनी माता ।।
कबहुँ भक्त कष्ट नहिं पावै,
जो नित शरण गहे री ॥
जो जन तेरा ध्यान लगावै,
सुख-सम्पति बहुभाँति लहे री।
जय जय विन्ध्यवासिनी माता ।।
अस जिय जानि शरण तव आयऊँ,
मेरी बार न लावहु देरी ।।
जय जय विन्ध्यवासिनी माता ।।