बूटी हरि के नाम की सबको पिला के पी Buti Hari Ke Naam ki Sabko Pila Ke Pi

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बूटी हरि के नाम की सबको पिला के पी Buti Hari Ke Naam ki Sabko Pila Ke Pi
बूटी हरि के नाम की सबको पिला के पी

बूटी हरि के नाम की सबको पिला के पी (Buti Hari Ke Naam ki Sabko Pila Ke Pi Lyrics in Hindi)

।। हरी भजन ।।

फिल्मी तर्ज- मिलती है ज़िंदगी मे मोहब्बत कभी-कभी

बूटी हरि के नाम की सबको पिलाके पी । 
चितवन को चित के चोर से चित को चुराके पी ॥ 

पीने की तमन्ना है तो खुद को मिटाके पी ।
पीने की तमन्ना है तो खुद को भुलाके पी ।
ब्रम्हा ने चारो वेदों की पुस्तक बनाके पी ॥ बूटी ॥ 

शंकर ने अपने शीश पे गंगा चढ़ाके पी । 
ठोकर से श्री राम ने पत्थर जगाके पी । 
बजरंग बली ने रावण की लंका जलाके पी ॥ बूटी ॥ 

पृथ्वी का भार शेष के सिर पर उठाके पी ।
बालि ने चोट बाण की सीने पर खाके पी ॥ बूटी ॥ 

अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत बनाके पी । 
श्री जी बाबा ने भक्तों को भागवत सुनाके पी ॥ बूटी ॥ 

ब्रज गोपियों ने कृष्णा को माखन खिला के पी
शबरी ने झूठे बेर अपने प्रभु को पीला के पी ॥ बूटी ॥ 
 
संतो ने ज्ञान सागर को गागर बनाके पी । 
भक्तों ने गुरु चरण रज मस्तक लगाके पी ॥ बूटी ॥

मीरा ने नाच नाच के गिरधर को रिझा के पी
मैंने भी कृष्णा भक्तो को भगवत सुना के पी

बूटी हरी के नाम की सबको पीला के पी । 
पीने की है तमन्ना तो खुद को मिटा के पी ।।

भजन श्रेणी: कृष्णा भजन

भजन श्रेणी: ढोलक भजन

वीडियो: बूटी हरि के नाम की सबको पिलाके पी

Singer: Devi Hemlata Shastri Ji

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