कैसी होरी मचाई कन्हाई भजन लिरिक्स |
कैसी होरी मचाई कन्हाई भजन लिरिक्स Kaisi Hori Machayi Kanhayi Bhajan Lyrics
।। राधा कृष्ण भजन (होली भजन) ।।
कैसी होरी मचाई, कन्हाई
अचरज लख्यो ना जाई,
कैसी होरी मचाई
कैसी होरी मचाई, कन्हाई
अचरज लख्यो ना जाई,
कैसी होरी मचाई...
एक समय श्री कृष्णा प्रभो को, होरी खेलें मन आई
एक से होरी मचे नहीं कबहू, याते करूँ बहुताई
यही प्रभु ने ठहराई, कैसी होरी मचाई...
पांच भूत की धातु मिलाकर, एण्ड पिचकारी बताई
चौदह भुवन रंग भीतर भर के, नाना रूप धराई
प्रकट भये कृष्ण कन्हाई, कैसी होरी मचाई...
पांच विषय की गुलाल बना के, बीच ब्रह्माण्ड उड़ाई
जिन जिन नैन गुलाल पड़ी वह, सुध बुध सब बिसराई
नहीं सूझत अपनहि, कैसी होरी मचाई...
वेद अनेक अनजान की सिला का, जिसने नैन में पायी
ब्रह्मानंद तिस्का तम नास्यो, सूझ पड़ी अपनहि
ओरि कछु बनी न बनाई, कैसी होरी मचाई...
विडियो: कैसी होरी मचाई कन्हाई भजन
Singer: Varsha Shrivastava