म्हाने कर मनवार पिलायो जी, सतगुरु माने प्रेम प्यालो पायो लिरिक्स |
म्हाने कर मनवार पिलायो जी, सतगुरु माने प्रेम प्यालो पायो लिरिक्स - यह एक सतगुरु वाणी है जिसे हम गुरु भजन कहते है। इस गुरु वाणी को देव नाथ जी महाराज के शिष्य जोधपुर के राजा मान सिंह जी ने लिखी थी, जो की मारवाड़ी भाषा में है। इस वाणी में गुरु की महिमा और उनका शिष्य के प्रति निस्वार्थ प्रेम को अभिव्यक्त किया गया है। ' राजा ओ मान जस गायो जी ' इस वाणी के अंतिम दोहे में लिखा है की कैसे राजा मान सिंह जी गुरु वंदना कर गुरुदेव की महिमा का गुणगान किया।
म्हाने कर मनवार पिलायो जी, सतगुरु माने प्रेम प्यालो पायो लिरिक्स
।। गुरु वंदना ।।
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः र्गुरूर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
सतगुरु के दरबार में नर जाइए बार म बार ।
भूली वस्तु बतासी मेरे सतगुरु है दातार ।।
ओ जी म्हाने कर मनुहार पिलायो जी,
ओ दयालु म्हाने हरी रस पायो जी
दयालु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
सतगुरु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी,
असंग जुगा री म्हारी नींद उड़ाई जी,
म्हाने सुतोड़ा आण जगायो जी,
दीन गुरु सा म्हाने हरी रस पायो जी
दयालु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
सतगुरु म्हाने ...
कुटम्ब कबीलो म्हारो सब जग जुठो जी,
म्हाने सतगुरु सही समझायो जी,
म्हारा दिन गुरु सही समझाया हो..
दयालु म्हाने हरी रस पायो जी
दयालु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
सतगुरु म्हाने ...
आऊं नही जाऊ जग में मरु नही जन्मों जी,
म्हाने अमरापुर रो मारगीयों बतायो जी,
दयालु म्हाने हरी रस पायो जी
दीन गुरु सा म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
सतगुरु म्हाने ...
अड़सठ तीर्थ म्हारा सतगुरु चरणो में,
मैं तो गीता वालो ज्ञान गंगा नहायो जी
मैं तो गीता वालो ज्ञान गंगा नहाया...
(म्हाने गीता वाली ज्ञान सुनायो जी)
दयालु म्हाने हरी रस पायो जी
दयालु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
सतगुरु म्हाने ...
देव नाथ म्हाने सदगुरु मिलिया जी,
ओ मैं तो राजा ओ मान जस गायो जी,
ओ मैं तो राजा ओ मान जस गाया...
दयालु म्हाने हरी रस पायो जी
दीन गुरु सा म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
सतगुरु म्हाने .......
ओ जी म्हाने कर मनुहार पिलायो जी,
ओ दयालु म्हाने हरी रस पायो जी
दयालु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
सतगुरु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी
- ✍️ लेखक: जोधपुर के राजा मान सिंह जी