शिव कैलाशी, करुणा निधान |
शिव कैलाशी, करुणा निधान लिरिक्स Shiv Kailashi Karuna Nidhan Lyrics
।। शिव भजन ।।
ॐ नमः शिवाय
शिव कैलाशी करुणा निधान
दो सुख शांति का हमे दान
करे याचना तुमसे हर इंसान
दो सुख शांति का हमे दान
रचना है तीनों लोक तेरे
श्रष्टि के तुम आधार हो
किसी ने पार पाया तेरा
प्रभु तुम अपरम्पार हो
मुट्ठी में तेरी है सारा जहां
दो सुख शांति का हमे दान ।। १
शिव कैलाशी... ।।
तुम्ही तो देवों के देव हो
परमपिता परमात्मा
तुम्ही तपस्वी हो सबसे बड़े
तुम्ही हो सिद्ध महात्मा
कोई देवता न दूजा तेरे सामान
दो सुख शांति का हमे दान ।। २
शिव कैलाशी... ।।
बाघ की छाया को धारण किए
तुम्ही बाघंबर नाथ हो
मनन करे तेरे नाम का जो
तुम सदा उनके साथ हो
तुम धनहीनों को करते धनवान
दो सुख शांति का हमे दान ।। ३
शिव कैलाशी... ।।
भस्म रम्या गंगाधर
तुम्ही तो सच्चिदानंद हो
दीन दुखी असहाय को तुम
सुखों का देते आनंद हो
आश्रित जन का करते कल्याण
दो सुख शांति का हमे दान ।। ४
शिव कैलाशी... ।।
पितत पावन तुम गिरजा पति
त्रिभुवन के तुम नाथ हो
बिन बतलाए हर मन के
जानते हर एक बात हो
मुस्किले सब की हो करते आसान
दो सुख शांति का हमे दान ।। ५
शिव कैलाशी... ।।
कानों में भिक्षु है कुंडल तेरे
कंड में माला नाग की
शिक्षा फिर भी देते हमे
करुणा भरे अनुराग की
सुर नर करते तेरा गुणगान
दो सुख शांति का हमे दान ।। ६
शिव कैलाशी... ।।
उमापति महादेव तेरे
अर्चना मंगलकारी है
घटा तेरी भय नाशनी
छवि तो संकट हारी है
महिमा तुम्हारी सबसे महान
दो सुख शांति का हमे दान ।। ७
शिव कैलाशी... ।।
तुमसा दयालु देवता
और ना जग में दूसरा
आशुतोष हो भगवान तुम
हमको भी दे दो आश्ररा
खोटे खरे की है तुम को पहचान
दो सुख शांति का हमे दान ।। ८
शिव कैलाशी... ।।
बाल पे आधे चांद को
तुम तो सजाए बैठे हो
समझ किसी के आए ना जो
लीला रचाए बैठे हो
सबसे जुदा है तुम्हारी शान
दो सुख शांति का हमे दान ।। ९
शिव कैलाशी... ।।
तारीक जैसे तर चुका
हमको भोले तार दो
कष्ट जो हमको घेरे खड़े
उनको प्रभु जी निवार दो
करना निर्बल को बलवान
दो सुख शांति का हमे दान ।। १०
शिव कैलाशी... ।।
बारह ज्योतिर्लिंगों में भी
तेरा जो अदभुत नूर है
उनकी नूरानी रोशनी
हमसे क्यू अब तक दुर है
कभी इस और भी करना ध्यान
दो सुख शांति का हमे दान ।। ११
शिव कैलाशी... ।।
भूतपति भूतेश्वरा
पूरी हमारी भी आस करो
हमे घेरा है विकारों ने
उनका भी जल्दी नाश करो
दया की चादर दो हम तार
दो सुख शांति का हमे दान ।। १२
शिव कैलाशी... ।।
कोई कहे पीपलेश्वर
देवता भक्त सहाय तुम
दुख से परे इस जगत में
दाता हो सुख दाये तुम
तुम ही पिता हो, हम संतान
दो सुख शांति का हमे दान ।। १३
शिव कैलाशी... ।।
पार्वती वल्लभ शंभु तुम्ही
तुम ही प्रभु ओमकार हो
सकल जगत के एक तुम्ही
अदभुत पालन हार हो
तेरा ऋणी है हर इंसान
दो सुख शांति का हमे दान ।। १४
शिव कैलाशी... ।।
भस्मासुर को हे प्रभु
तुमने निराला वर दिया
रावण की भक्ति से खुश हो
दस शीश वाला वर दिया
जटा जोट शंकर कला निधान
दो सुख शांति का हमे दान ।। १५
शिव कैलाशी... ।।
माहा नंदा दुरा चारिणी
का किया उधार था
बाहुक भील का हर सपना
कर दिया साकार था
मनवांछित का दिया वरदान
दो सुख शांति का हमे दान ।। १६
शिव कैलाशी... ।।