श्यामा श्याम सलोनी सूरत को सिंगार बसंती है |
श्यामा श्याम सलोनी सूरत को सिंगार बसंती है Shringar Basanti Hai Lyrics
Song by Dhruv Sharma and Vishesh Gupta
।। श्याम भजन ।।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत को सिंगार बसंती है।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत को सिंगार बसंती है।
सिंगार बसंती है… हो सिंगार बसंती है।
मोर मुकुट की लटक बसंती,
चन्द्र कला की चटक बसंती,
मुख मुरली की मटक बंसती,
सिर पे पेंच श्रवण कुंडल छबि दार बसंती है।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत…॥१॥
माथे चन्दन लसियो बसंती,
पट पीताम्बर कसियो बसंती,
पहना बाजूबंद बसंती,
गुंजमाल गल सोहै फूलनहार बसंती है,
श्यामा श्याम सलोनी सूरत..॥२॥
कनक कडुला हस्त बसंती,
चले चाल अलमस्त बसंती,
पहर रहे सब वस्त्र बसंती,
रुनक झुनक पग नूपुर की झनकार बसंती है।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत…॥३॥
संग ग्वालन को गोलन बसंती,
बजे चंग ढफ ढोल बसंती,
बोल रहे है सब बोल बसंती,
सब सखियन में राधे जू सरकार बसंती है ।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत…॥४॥
आयो रे बसंत आयो, आयो रे बसंत आयो,
आयो रे बसंत आयो, आयो रे बसंत आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे बसंत
परम प्रेम परसाद बसंती,
लगे चसीलो स्वाद बसंती,
ह्वे रही सब मरजाद बसंती,
घासीराम नाम की झलमल झार बसंती है।
श्यामा श्याम सलोनी सूरत..॥५॥