सूना सूना लागे बिरज का धाम लिरिक्स |
सूना सूना लागे बिरज का धाम लिरिक्स - इस भक्ति गीत को भारत के महान गायक मोहम्मद रफी जी ने गया है। ये गीत हिंदी फिल्म नील मणि (1957) से है, और इस गाने के बोल को भरत व्यास जी ने लिखा है। यह गीत जब कृष्ण जी सब को छोड़ कर मथुरा जाते है उस समय वहा के लोग, कृष्ण जी माता, ग्वाले, गईया, उनके मित्रगण, राधा रानी जी, नदी, पंछी और वे सब जो उनसे प्रेम करते है, वो सब कितने दुखी होते है उस परिस्थिति को इस गाने के माध्यम से बताया गया है।
ये भक्ति गीत सुनने में बहुत ही कर्ण प्रिय है, और मन को शांत करने वाला है तथा इसके बोल दिल को छूने वाले है। चलो फिर पड़ते है सूना सूना लागे बिरज का धाम लिरिक्स हिंदी में -
सूना सूना लागे बिरज का धाम लिरिक्स -
।। कृष्ण भजन ।।
मैय्या की ममता सजीनंद बाबा का प्यारग्वाल पाल की मित्रतागोपियन की मनुहारसजके सब परिवार कोआज मुरली की तानअपनो से मुख मोड़ केमथुरा चले रे कान्हा
सूना सूना लागे बिरज का धाम,
गोकुल को छोड़ चले रे घनश्याम ।
यमुना रोए, मधुबन रोए, रोए कदम की छय्या,
हो... रोए कदम की छय्या...
भर भर नैना रोए रे गवाले, रोये बृज की गईयां ।
राह रोक कर रोए मनसुखा... हो...
राह रोक कर रोए मनसुखा, बिछड़ रहे मोरे श्याम रे ।।
सूना सूना लागे बिरज का धाम,
गोकुल को छोड़ चले रे घनश्याम ।
बोल सके ना घर के पंछी, अंसुअन से भरे नैना,
अंसुअन से भरे नैना...
आजा कान्हा, ना जा कान्हा,
ना जा कान्हा, ना जा कान्हा, ना जा कान्हा,
कूके रे पिंजरे की मैना ।
नदिया रोये, गिरिवर रोये, ले कान्हा का नाम रे ।।
सूना सूना लागे बिरज का धाम,
गोकुल को छोड़ चले रे घनश्याम ।
प्रेम दीवानी राधा रानी, भर नैनन में पानी,
ओ..... प्रेम दीवानी राधा रानी, भर नैनन में पानी,
सुबक सुबक कहे हाय रे कान्हा, हाय रे कान्हा,
हाय रे कान्हा,
सुबक सुबक कहे हाय रे कान्हा,
तुने बिरहा की पीर ना जानी ।
कैसे कटेगी, तुम बिन साथी, जीवन की अब शाम रे ।।
सूना सूना लागे बिरज का धाम,
गोकुल को छोड़ चले रे घनश्याम ।
Singer: Mohammed Rafi
Lyrics: Bharat Viyas
Music: Chitragupta
Movie: Neel Mani (1957)