श्री गणेश आरती - जय हो जय जय है गौरी नंदन (Ganesh Aarti - Jai Ho Jai Jai He Gauri Nandan)
।। श्री गणेश आरती ।।
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
शुभ कार्यो में सबसे पहले
तेरा पूजन करते
विघ्न हटाते काज बनाते
सभी अमंगल हरते
ओ देवा सिद्धि और सिद्धि बाटे
चुनते राहो के काटे
खुशियों के रंग को बिखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन...।।
ओमकार है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
लम्ब कर्ण तेरे उज्जवल नैना
धुम्रवर्ण है काया
ओम्हर है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
ओ देवा शम्भू के लाल दुलारे
संतो के नैनन तारे
मस्तक पे चन्द्रमा को वारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन...।।
गणपति बाप्पा घर में आना
सुख वैभव कर जाना
एक दन्त लम्बोदर स्वामी
सारे कष्ट मिटाना
गणपति बाप्पा घर में आना
सुख वैभव बरसाना
देवा लडूअन का भोग लगाते
मूषक वहानपे आते
भक्तो की बिगड़ी संवारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन...।।
धन कुबेर चरणों के चाकर
लक्ष्मी संग विराजे
दसो दिशा नवखण्ड में देवा
डंका तेरा बाजे
देवा तुझमे ध्यान लगाये
मन चाहा फल वो पाए
नैया भवंर से उबारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन...।।
बांझो की गोदे भर देना
निर्धन को धन देना
दिनों को सन्मान दिलाना
निर्बल को बाल देना
ओ देवा सुनलो अरदास हमारी
विनती करते नर नारी
सेवा में तन मन वारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देवा गणेशा गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते