गुरु पूर्णिमा आरती - ॐ जय गुरु बलिहारी |
गुरु पूर्णिमा आरती - ॐ जय गुरु बलिहारी Guru Purnima Aarti - Om Jai Guru Balihari
।। गुरुदेव आरती ।।
ॐ जय गुरू बलिहारी, स्वामी जय गुरू बलिहारी ।
जय जय मोह विनाशक, भव बन्धन हारी ।।
ॐ जय गुरू बलिहारी।।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, गुरू मूरत धारी ।
स्वामी गुरू मूरत धारी,
वेद, पुराण बखानी, गुरू महिमा भारी ।।
ॐ जय गुरू बलिहारी।।
जप तप तीरथ सयंम, दान विविध दीजै ।
स्वामी दान विविध दीजै,
गुरू बिन ज्ञान न होवे, कोटी जतन कीजै ।।
ॐ जय गुरू बलिहारी।।
मोह नदी में, जीव बहे सारे ।
स्वामी जीव बहे सारे,
नाम जहाज बिठाकर, गुरू पल में तारे ।।
ॐ जय गुरू बलिहारी।।
काम, क्रोध, मद, मत्सर, चोर बड़े भारी ।
स्वामी चोर बड़े भारी,
ज्ञान खड्ग ले कर में, गुरू सब संहारे ।।
ॐ जय गुरू बलिहारी।।
नाना पंथ जगत में, निज-निज गुण गावें ।
स्वामी निज-निज गुण गावें,
सब का सार बताकर, गुरू मारग लावें।।
ॐ जय गुरू बलिहारी।।
गुरू चरणामृत निर्मल, सब पातक हारी।
स्वामी सब पातक हारी,
सुनत बचन तम नासे, सब संशय हारी ।।
ॐ जय गुरू बलिहारी।।
तन मन धन सब अर्पण, गुरु चरनन किजै ।
स्वामी गुरु चरनन किजै,
ब्रह्मानंद परमपद, मोक्ष गति दीजै !
ॐ जय गुरू बलिहारी।।