ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः मंत्र लिरिक्स |
ॐ एम क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।
यह मंत्र माँ दुर्गा का मंत्र है जिसके जाप से व्यक्ति आश्चर्यजनक लाभ होते हैं । इन मंत्र जापों के द्वारा ही व्यक्ति समस्त कठिनाईयों और परेशानियों से मुक्ति प्राप्त कर लेने में सक्षम हो पाता है। जो लोग इस मंत्र का उच्चारण पूरी ईमानदारी और श्रद्धा से करते हैं वे कहते हैं कि उन्हें एक अलग तरह की ख़ुशी महसूस होती है। जिससे उनके दिल को ख़ुशी मिलती है और उनका मन करता है कि वे नाचे।
चामुण्डा मंत्र अत्यंत ही शक्तिशाली मंत्र है क्योंकि इस मंत्र में तीन देवियों महासरस्वती, महालक्ष्मी व महाकाली की शक्तियां निहित है| दुर्गा सप्तश्लोकी में वर्णित है कि इन तीनो देवियों की पूजा करने से स्वयं माँ दुर्गा प्रसन्न होती है । तो जब माता सभी रूपों अर्थात विद्या, धन, शक्ति व माँ के स्वरुप में प्रसन्न होती है तो साधक को जीवन के इन सभी क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होते है।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः मंत्र भजन लिरिक्स -
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ...
ये मंत्र है, मां चामुण्डा का,
इस में मां, शक्ति समाती है,
हर इक चिंता, हर इक बाधा,
"इसे जपने से, मिट जाती है"
नहीं बाल भी बांका, हो उसका
जो सुमिरे इसे, मन से सच्चे,
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे...
जब चंड-मुंड महिषासुर का,
इस धरती पर आंतक मचा,
सबको ही सताया असुरों ने,
"कोई भक्त ना साधू संत बचा"
तब तुम्हें पुकारा था मईया
अब संकट में तेरे बच्चे
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे...
मां दुर्गति-हारिणी दुर्गे ने,
सदा धर्म का साथ निभाया है,
जब-जब धरती पर पाप बढ़ा,
"मां ने त्रिशूल उठाया है"
दुष्टों का रक्त पिए काली
और खा गई दुष्टों को कच्चे,
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे...
हे नमन तुम्हें मां जगदम्बे,
हे नमन तुम्हें मईया काली,
ना तुमसा कोई और हुआ,
"तूँ ही सब से शक्तिशाली"
तूँ दया-दृष्टि हम पर रखना
हम सभी तो हैं तेरे बच्चे
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे...