काया ने सिणगार कोयलियाँ (कोयलड़ी) भजन लिरिक्स |
काया ने सिणगार कोयलियाँ (कोयलड़ी) भजन लिरिक्स (Kaya Ne Singar Koyaliya Bhajan Lyrics)
गोरे गोरे अंग पे गुमान क्या बावरेरंग तो पतंग तेरो कल उड़ जावे लोधुवे सो धन तेरो जातो ही ना लागे रेचोरन को माल ना चोवट बिकावमनुष्य की देह सो जीवंत हि आवे काममुहा पछ सुवान काड कुतरा न खावेगोआ दुनिया है तानसेन छोड़ दे माया कीबंध मुठ्ठी आयो ओर खाली हाथ जावे गो
काया ने सिणगार कोयलियाँ (कोयलड़ी),
पर मण्डली मत जाइजो ए ।
पर मण्डली रा नहीं रे भरोसा ,
अध बिच में रूळ जावो ए ।
काया ने सिणगार कोयलियाँ ,
ओं ओं हरिओम
गहरो फूल रोहिड़ा रो कहिजे ,
वे फुलड़ा मत लाइजो ए ।
थोड़ा फूल घणां कर मानो ,
फूल हंजारी गुल लाइजो ए
काया ने सिणगार.....।।
खारे समदरो खारो पाणी ,
वो पाणी मत लाइजो ए ।
थोड़ो नीर घणो कर मानो ,
नीर गंगा जळ लाइजो ए ।
काया ने सिणगार.....।।
पिछम भोम में उभो खेजड़ो ,
उण छाया मत जाइजो ए ।
उत्तर – दखण रो बाजे बायरो ,
काँटा में रूळ जावो ए ।
काया ने सिणगार.....।।
बाई मीरां री भजन मण्डली ,
उण मण्डली भल जाइजो ए ।
उण मंडली रा खरा रे भरासा ,
डूबतड़ी तिर जावो ए ॥
काया ने सिणगार....।।