लांगुरिया तेरी एक ना मानूंगी लिरिक्स |
लांगुरिया तेरी एक ना मानूंगी लिरिक्स (Languriya Teri Ek Na Manungi Lyrics)
लांगुरिया तेरी एक ना मानूंगी,
भवन मे छम छम नाचूँगी ॥
भवन मे तूं कैसे जाओगी,
वहां पे तेरा ससुरा मिल जायेगा,
ससुर से, ससुर से, परदा कर लुंगी,
भवन मे छम छम नाचूँगी ॥
भवन मे तूं कैसे जाओगी,
वहां पे तेरा जेठा मिल जायेगा,
जेठ से, जेठ से, पीछा फेरुँगि,
भवन मे छम छम नाचूँगी ॥
भवन मे तूं कैसे जाओगी,
वहां पे तेरा देवर मिल जायेगा,
वहां पे तेरा न्ंदोई मिल जायेगा,
नंदोई को, देवर को, संग ना चालुन्गी,
भवन मे छम छम नाचूँगी ॥