भक्ति है कालो नाग कोई नर छेड़ो मति लिरिक्स |
भक्ति है कालो नाग कोई नर छेड़ो मति लिरिक्स (Bhakti Hai Kalo Naag Koi Nar Chhedo Mati Lyrics)
भक्ति है कालो नाग,
कोई नर छेड़ो मती,
छेड़ो मती भाई पकड़ो मती,
पकड़ लेवो पछे छोड़ो मती ।।
शब्द पियाला में वारा वासा,
चवदा लोक करता वारी आशा,
अरे पल पल भेद बताय,
रचना रच दी अशी,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर छेड़ो मती ।।
अठरा करोड़ नाग पकडीया,
पांच करोड़ ऊझड पडिया,
पांचा ने खा गयो नाग,
पांच हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर छेड़ो मती ।।
इक्कीस करोड़ नाग पकडीया,
सात करोड़ उझड पडिया,
साता ने खा गयो नाग,
सात हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर छेड़ो मती।।
सत्ताईस करोड़ नाग पकडीया,
नो करोड़ ऊझड पडिया,
नो ने खा गयो नाग,
नो हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर छेड़ो मती।।
छत्तीस करोड़ नाग पकडीया,
बारह करोड़ ऊझड पडिया,
बारह ने खा गयो नाग,
बारह हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर छेड़ो मती ।।
पांच सात नो बारह मलीया,
शंकर नाथ गुरू शरणा पडिया,
मारे सतगुरु को आधार,
छोडु नहीं हरी भक्ति,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर छेड़ो मती ।।
भक्ति है कालो नाग,
कोई नर छेड़ो मती,
छेड़ो मती भाया पकड़ो मती,
पकड़ लेवो पछे छोड़ो मती ।।