दामोदर अष्टकम (Damodar Ashtakam)

M Prajapat
0
दामोदर अष्टकम (Damodar Ashtakam)
दामोदर अष्टकम

दामोदर अष्टकम (Damodar Ashtakam)

दामोदर अष्टकम: यह अष्टक भगवान श्रीकृष्ण जी को समर्पित है। इस दामोदर अष्टकम में भगवान कृष्ण जी सभी लीलाओं का बहुत ही सुंदर गुणगान किया गया है। भक्तगण विशेष रूप से कार्तिक मास के दौरान इसका पाठ करते है, जिससे कृष्ण जी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास में इसका पाठ करना बहुत लाभकारी और शुभ होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दामोदर अष्टकम को कहने वाले सत्यव्रता मुनि जी है, और इसे लिखने वाले श्रील व्यासदेव जी है।

॥ दामोदर अष्टकम ॥

नमामीश्वरं सच्चिदानंदरूपं लसत्कुण्डलं गोकुले भ्राजमानम्‌
यशोदाभियोलूखलाद्धावमानं परामृष्टमत्यं ततो द्रुत्य गोप्या॥ 1 ॥

रुदन्तं मुहुर्नेत्रयुग्मं मृजन्तं कराम्भोज-युग्मेन सातङ्कनेत्रम्।
मुहुःश्वास कम्प-त्रिरेखाङ्ककण्ठ स्थित ग्रैव-दामोदरं भक्तिबद्धम्॥ 2 ॥

इतीद्दक्‌स्वलीलाभिरानंद कुण्डे स्वघोषं निमज्जन्तमाख्यापयन्तम्।
तदीयेशितज्ञेषु भक्तैर्जितत्वं पुनः प्रेमतस्तं शतावृत्ति वन्दे॥ 3 ॥

वरं देव! मोक्षं न मोक्षावधिं वा न चान्यं वृणेऽहं वरेशादपीह।
इदं ते वपुर्नाथ गोपाल बालं सदा मे मनस्याविरस्तां किमन्यैः?॥ 4 ॥

इदं ते मुखाम्भोजमत्यन्तनीलै- र्वृतं कुन्तलैः स्निग्ध-रक्तैश्च गौप्या।
मुहुश्चुम्बितं बिम्बरक्ताधरं मे मनस्याविरस्तामलं लक्षलाभैः॥ 5 ॥

नमो देव दामोदरानन्त विष्णो! प्रसीद प्रभो! दुःख जालाब्धिमग्नम्।
कृपाद्दष्टि-वृष्टयातिदीनं बतानु गृहाणेश मामज्ञमेध्यक्षिदृश्यः॥ 6 ॥

कुबेरात्मजौ बद्धमूर्त्यैव यद्वत्‌ त्वया मोचितौ भक्तिभाजौकृतौ च।
तथा प्रेमभक्तिं स्वकां मे प्रयच्छ न मोक्षे गृहो मेऽस्ति दामोदरेह॥ 7 ॥

नमस्तेऽस्तु दाम्ने स्फुरद्दीप्तिधाम्ने त्वदीयोदरायाथ विश्वस्य धाम्ने।
नमो राधिकायै त्वदीय-प्रियायै नमोऽनन्त लीलाय देवाय तुभ्यम्॥ 8 ॥

Damodarastakam दामोदराष्टकं Full with Lyrics | Krishna Bhajan | Bhakti Song | Damodar Ashtakam

Singer - Sadhana Sargam, Swarfira Gopal

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!