जो कोई जावे सत री संगत में लिरिक्स (Jo Koi Aave Sat Ri Sangat Me Lyrics)

M Prajapat
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जो कोई जावे सत री संगत में लिरिक्स (Jo Koi Aave Sat Ri Sangat Me Lyrics)
जो कोई जावे सत री संगत में लिरिक्स

जो कोई जावे सत री संगत में लिरिक्स (Jo Koi Aave Sat Ri Sangat Me Lyrics) -

जो कोई जावे सत री संगत में,
इनको खबर पड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

भजन श्रेणी: सत्संग भजन

भजन श्रेणी: मारवाड़ी भजन

।। श्लोक ।।
सतगुरु के दरबार में,
और गया मन बारम्बार।
खोल वस्तु बताए दे,
म्हारे सतगुरु है दातार ॥

जो कोई जावे सत री संगत में,
इनको खबर पड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

प्रहलाद सत्संग किणी सरियादे री,
रामजी री खबर पड़ी है,
हरिनाकश्प थंब तपायो,
खंबे बाथ भरी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

नरसी संगत किणी पीपाजी री,
सुई पे वात अड़ी है,
छपन करोड़ रो भरियो मायरो,
आया आप हरी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

सुग्रीव सत्संग किनी रामजी री,
वानर फौज बड़ी है,
क्या ताकत थी इन वानरो की,
रावण को जाए भिड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

लोहे संगत किणी काट री,
जल बीच नाव तरी है,
केवे कबीर सुनो भाई साधो,
ये तो बात खरी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

जो कोई जावे सत री संगत मे,
इनको खबर पड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

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