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मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे लिरिक्स |
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊं कैसे लिरिक्स (Meri Rooth Gai Maa Kali Ko Manau Kaise Lyrics)
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे,
मनाऊँ कैसे रिझाऊ कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे॥
आस पास कही डेरा नही है,
डेरा नही है, कही डेरा नही है,
दूर कलकाता मैं जाऊं कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे॥
फूलो की माता माँ को भाती नही है,
भाती नही है, माँ को भाती नही है,
मुंडो की माला मैं लाऊं कैसे
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे॥
लाल पीली चुनरी माँ को भाती नही है,
भाती नही है, माँ को भाती नही है,
काली चुनरिया मैं लाऊं कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे॥
गंगा का पानी माँ को अच्छा नही लगता,
अच्छा नही लगता, माँ को अच्छा नही लगता,
मदिरा का पान कराऊ कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे॥
नारियल की भेट माँ को भाती नही है,
भाती नही है, माँ को भाती नही है,
बकरे की भेट चढ़ाऊं कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे,
मनाऊँ कैसे रिझाऊ कैसे,
मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे॥
नवरात्रि Special भजन | मेरी रूठ गई माँ काली को मनाऊँ कैसे | Meri Rooth Gai Maa Kaali Ko Manaun Kaise
