सुगणा ऊभी डागळिये भजन लिरिक्स Sugna Ubhi Dagaliye Bhajan Lyrics

M Prajapat
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सुगणा ऊभी डागळिये भजन लिरिक्स Sugna Ubhi Dagaliye Bhajan Lyrics

दोहा
बीरां म्हारा रामदेव, नेतल रा भरतार ।
आ सुगणा री वीणती, एकर लेवण आय ॥

सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।
लेवण आवो वीरा रामदेव,
थे हो जग में पीर ॥

आवण - जावण कह गया रे,
आई रे सावणियाँ री तीज ॥
दर्शण प्यासी सुगणा बाई,
होवे है आधीन ॥
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ॥

बारहे वरषां सु पीवर सारूं,
लाग रही अडीक ।
अजमल जी रा कँवर लाडला,
नैणा रे बरसे नीर ।।
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।

राखड़ी पूनम री बीरा,
जग में अमर रीत ।
रीत निभानी पड़सी थाने,
आय बंधावो धीर ।।

सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।।

रामदेव जी रो ब्याव रच्यो,
मेणा दे रे मन में प्रीत ।
लाछा बाई आई रे म्हारी,
सुगणा क्यों नहीं आई ।

सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ॥

आया रूणीचे सुगणा बाई,
लाया है महावीर ।
अन्यायी रो नाश होयो जद,
वे न्यायी री जीत ॥

सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।

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