सुगणा ऊभी डागळिये भजन लिरिक्स Sugna Ubhi Dagaliye Bhajan Lyrics
॥ दोहा ॥बीरां म्हारा रामदेव, नेतल रा भरतार ।आ सुगणा री वीणती, एकर लेवण आय ॥
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।
लेवण आवो वीरा रामदेव,
थे हो जग में पीर ॥
आवण - जावण कह गया रे,
आई रे सावणियाँ री तीज ॥
दर्शण प्यासी सुगणा बाई,
होवे है आधीन ॥
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ॥
बारहे वरषां सु पीवर सारूं,
लाग रही अडीक ।
अजमल जी रा कँवर लाडला,
नैणा रे बरसे नीर ।।
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।
राखड़ी पूनम री बीरा,
जग में अमर रीत ।
रीत निभानी पड़सी थाने,
आय बंधावो धीर ।।
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।।
रामदेव जी रो ब्याव रच्यो,
मेणा दे रे मन में प्रीत ।
लाछा बाई आई रे म्हारी,
सुगणा क्यों नहीं आई ।
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ॥
आया रूणीचे सुगणा बाई,
लाया है महावीर ।
अन्यायी रो नाश होयो जद,
वे न्यायी री जीत ॥
सुगणा रे ऊभी डागळिये,
नेणां में ढळके नीर ।