श्री सूर्य स्तुति लिरिक्स (Surya Dev Stuti Lyrics)

M Prajapat
0

श्री सूर्य स्तुति लिरिक्स (Surya Dev Stuti Lyrics)

हिन्दू धर्म में रविवार के दिन सूर्य भगवान की पूजा का विधान है। इस दिन साधक सुबह जल्दी तैयार होकर सूर्य देव की पूजा अर्चना करता, व्रत करता है, और सूर्य भगवान के मंत्रो का जाप भी करता है। सूर्य देव के मंत्रो में सूर्य स्तुति का भी विशेष महत्त्व है, जिसके करने से भगवान खुश होते है और साधक को खुशहाली जीवन और सुख-समृद्धि प्रदान करते है। ये सूर्य स्तुति छठ पूजा में भी जरूर पढ़ी जाती है।

।। श्री सूर्य स्तुति ।।

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।
त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सूर्य स्तुति के लाभ

  • नव ग्रह कि शांति के लिए सूर्य स्तुति काफी फलदायी है।
  • शारीरिक कष्ट दूर होते है।
  • मानसिक तनाव दूर होता है।
  • मन को शांति मिलती है और मन प्रसन्न रहता है।
  • शरीर में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार होता है।
  • सूर्य देव की कृपा से सभी भौतिक सुख और समृद्धि प्राप्त होती हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!