केहन पातर छनि ठोर देखि देखि दुलहा के नयना विभोर: परिछन गीत |
केहन पातर छनि ठोर देखि देखि दुलहा के नयना विभोर: परिछन गीत (Sri Ram Maithili Vivah Geet - Madhvi Madhukar)
श्रीराम विवाह गीत
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केहन पातर छनि ठोर !
(देखि'देखि दुलहा'के )२ नयना विभोर ...
केहन पातर छनि ठोर !!
घन'सन श्यामल मुख'पर चुबै छनि घाम
(वियनि डोलाऊ सखी ) २ अचरज'मे राम
मुखे लाजक संघोर
(देखि देखि दुलहा'के )२ नयना विभोर ...
केहन पातर छनि ठोर !!
मिथिला'मे एलखिन ये' अवधक कुमार
करियौ नै हास सखी दुलहा सुकुमार
भेली मयना विभोर
रानी सुनयना के नयना मे नोर
केहन पातर छनि ठोर !!
दशरथ छथि गोर तखन ई कोना स्याम
(दाबल उखारू नै ) २ गपपर विराम
हिनक माय मुंहजोर
(पटुआ पठेलखिन हे ) २ कहि कहि पटोर
केहन पातर छनि ठोर !!
दुःख नै करबै रघुवर सासुर के बात
भेलौं जमाय हमर प्रेम निष्णात
देखू पसरल इजोर
मिथिला अवधपुर के संगम बेजोर
केहन पातर छनि ठोर !!
केहन पातर छनि ठोर देखि देखि दुलहा के नयना विभोर : परिछन गीत (Maithili Vivah Geet) Madhvi Madhukar Jha
Parichan geet (Sri Ram Vivah geet)Singer: Madhvi Madhukar Jha
Lyrics : Shiv Kumar Jha'Tillu'