माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति स्वरुप को माता सिद्धिदात्री कहते हैं। नवरात्रि के नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाती है। इस ब्रहमांड की समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली सिद्धिदात्री माता ही है। सिद्धिदात्री आठ सिद्धियां प्रदान करने वाली है।
जो कोई भी मनुष्य पुरे श्रद्धा से सिद्धिदात्री माता की पूजा आराधना करता है। उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। मार्कंडेय पुराण में आठ सिद्धियां बताई गई है जो निम्नानुसार है: अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व।
माँ सिद्धिदात्री ने आठ सिद्धियां हनुमान जी को वरदान स्वरुप प्रदान की थी। पुराणों के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने भी सिद्धिदात्री की कृपा से ही समस्त सिद्धियों को प्राप्त किया था। इसी कारण वे जगत में अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए।
केतु ग्रह पर माता सिद्धिदात्री का सम्पूर्ण प्रभाव है। इस कारण जिन लोगों को केतु गृह के कारण से जीवन में किसी भी तरीके की परेशानी आ रही हो या कोई कष्ट हो या कोई परेशानी हो तो उन्हें सिद्धिदात्री माता की सम्पूर्ण ह्रदय से पूजा आराधना करनी चाहिए।
सिद्धिदात्री माता के सभी मंत्र
सिद्धिदात्री मंत्र (Siddhidatri Mantra)
मंत्र -1
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥
or
ॐ ह्रीं सः सर्वार्थसिद्धिरात्री स्वाहा ।
मंत्र - 2
विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा:
स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत्
का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।
(समस्त स्त्रियों में मातृभाव रखने हेतु मां का मंत्र जपा जाता है जिससे देवी अत्यंत प्रसन्न होती हैं। भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।)
मंत्र - 3
सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्ति प्रदायिनी।
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः।।
(स्वर्ग तथा मोक्ष पाने हेतु इस मंत्र का जप करें।)
मंत्र - 4
गृहीतोग्रमहाचक्रे दंष्ट्रोद्धृतवसुन्धरे।
वराहरूपिणि शिवे नारायणि नमोऽस्तुते।।
(भूमि, मकान की इच्छा रखने वाले इस मंत्र को जपें।)
मंत्र - 5
नन्दगोप गृहे जाता यशोदा-गर्भ-सम्भवा।
ततस्तौ नाशयिष्यामि, विन्ध्याचल निवासिनी।।
(संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले व्यक्ति, स्त्री या पुरुष इस मंत्र का जप करें।)
सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र (Siddhidatri Prathna Mantra)
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
सिद्धिदात्री स्तुति (Siddhidatri Stuti)
सिद्धिदात्री शाबर मंत्र (Siddhidatri Shabar Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
सिद्धिदात्री ध्यान मंत्र (Siddhidatri Dhyan Mantra)
वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम्॥
स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।
शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
सिद्धिदात्री स्तोत्र (Siddhidatri Stotra)
कञ्चनाभा शङ्खचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।
स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालङ्कार भूषिताम्।
नलिस्थिताम् नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोऽस्तुते॥
परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभर्ती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्व वार्चिता, विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी।
भवसागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनीं।
मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
सिद्धिदात्री कवच मंत्र (Siddhidatri Kavach Mantra) - सिद्धिदात्री बीज मंत्र (Siddhidatri Beej Mantra)
ॐकारः पातु शीर्षो माँ, ऐं बीजम् माँ हृदयो।
हीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाट कर्णो श्रीं बीजम् पातु क्लीं बीजम् माँ नेत्रम् घ्राणो।
कपोल चिबुको हसौ पातु जगत्प्रसूत्यै माँ सर्ववदनो॥
अगर आपको यह मंत्र कठिन लगते हैं तो आप केवल एक मंत्र "ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः" का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र की एक माला जरुर जपे यानि 108 बार मंत्र का उच्चारण करें।
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सिद्धिदात्री माता की आरती (Siddhidatri Mata Ki Aarti)
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