माता छिन्नमस्ता की आरती |
माता छिन्नमस्ता की आरती (Mata Chhinnamasta Aarti Lyrics)
आइए हम छिन्नमस्ता की उतारें आरती ।
भैरवी भी भक्ति से दिनरात चरण पखारती ॥
संग है विजया जया का रक्त धारा बह रही ।
लोक मंगल के लिए मां कष्ट भारी सह रही ॥
सिर हथेली पर रख सदा रख भक्तगण को तारती ।
आइए हम छिन्नमस्ता की उतारें आरती ॥
रक्त वसना सिर विखंडित हस्त दो तन श्याम है ।
छिन्नमस्ता नाम जिसका राजरप्पा धाम है ॥
जो भवानी दुष्ट दैत्यों का सदा संहारती ।
आइए हम छिन्नमस्ता की उतारें आरती ॥
जो सती दुर्गा प्रचण्डा चण्डिका भुवनेश्वरी ।
सत्व रजतम रूपिणी जय अम्बिका अखिलेश्वरी ॥
जो कराली कालिका हैं और कमला भारती ।
आइए हम छिन्नमस्ता की उतारें आरती ॥
आइए मां की शरण में और माथा टेकिए ।
दीनता दारिद्र दुख को दूर वन में फेंकिए ॥
भक्त के कल्याण में जननी कहां कब हारती ।
आइए हम छिन्नमस्ता की उतारें आरती ॥